लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने निदेशक सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा द्वारा करीब 150 ज्येष्ठ लेखा परीक्षकों की सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर मनमाने ढंग से की गई पदोन्नति एवं तैनाती सोमवार को निरस्त कर दी।
इसके साथ ही निदेशक से इस मामले की मूल पत्रावली तत्काल शासन भेजने के निर्देश दिए गए हैं। योगी सरकार ने 31 दिसंबर को उप्र अधीनस्थ (सहकारी समितियां एवं पंचायत) लेखा परीक्षा सेवा संवर्ग का पुनर्गठन किया था। इसके तहत शासन ने सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के करीब 255 पदों की संख्या बढ़ाकर 405 कर दिया था।
लेखा परीक्षा अधिकारी के करीब 150 पद रिक्त थे
इस तरह सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के करीब 150 पद रिक्त हो गए थे। पुनर्गठन का शासनादेश जारी होने के बाद नियमावली बननी थी। नियमावली कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही लागू की जा सकती थी।
लेकिन निदेशक सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा पद्म जंग ने नियमावली बने बगैर ही आनन-फानन में 31 दिसंबर को ही 150 सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति कर दी।
पदोन्नति करने के बाद 16 जनवरी को इन लेखा परीक्षकों को नई तैनाती भी दे दी गई। इस निर्णय की जानकारी जैसे ही शासन को लगी, उसने निदेशालय से सवाल-जवाब किया।
शासन ने जताई नाराजगी
नियमावली जारी हुए बगैर ही पदोन्नति करने व तैनाती किए जाने को लेकर शासन ने नाराजगी भी जताई। विशेष सचिव वित्त समीर वर्मा ने सोमवार को सभी पदोन्नतियां व तैनातियां निरस्त कर दी हैं।