ढाका। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जमकर घेरा है। हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के एक कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत करते हुए कहा कि मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश को अराजकता में झोंक दिया है।
उन्होंने कहा कि यूनुस की वजह से ही बांग्लादेश में सामूहिक हत्याएं हो रही हैं और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, वही इस सबके मास्टरमाइंड हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमलों के लिए भी यूनुस सरकार की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश की व्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। हसीना ने बांग्लादेश में मंदिरों, गिरजाघरों और इस्कॉन पर हमलों का जिक्र करते हुए दावा किया कि यूनुस ने एक सुनियोजित योजना के तहत सामूहिक हत्याएं कराई हैं।
हसीना का यह बयान हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में फैली अशांति के बीच आया है। शेख हसीना को इस साल अगस्त में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पीएम पद और बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था और फिलहाल वह भारत में रह रही हैं।
मैंने लोगों के लिए अपना देश छोड़ा
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में हो रही पार्टी एक मीटिंग को ऑनलाइन ज्वॉइन किया था। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। अगस्त में अपनी सरकार गिरने के बाद भारत भागीं हसीना ने कहा कि अगर वो सत्ता में बने रहने की कोशिश करतीं तो और खून-खराबा होता।
हसीना ने कहा, ‘लोगों को मारा जा रहा था तो मैंने फैसला किया कि मैं चली जाऊंगी, मुझे सत्ता में रहने की जरूरत नहीं है। अगर सुरक्षाकर्मियों ने गोली चला दी होती तो गणभवन में बहुत से लोग मारे जाते। मैं ऐसा नहीं चाहती थी।’
हसीना ने आगे कहा कि हथियारबंद भीड़ गणभवन (बांग्लादेश के PM हाउस) में आई थी और मेरी भी मेरे पिता मुजीबुर रहमान की तरह हत्या करने की योजना थी। ऐसे में मुझे ढाका छोड़ना ही उस समय ठीक लगा।
उन्होंने कहा कि मैं लोगों की जिंदगियों के लिए बांग्लादेश से आई लेकिन आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया जा रहा है। हकीकत में तो मोहम्मद यूनुस ने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सुनियोजित योजना के तहत सामूहिक हत्याएं की हैं।
उपद्रवियों को सजा दे सरकार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों पर हसीना ने कहा, ‘अगर असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार ऐसे लोगों को सजा देने में विफल रहती है तो उसे भी मानवाधिकारों के उल्लंघन की सजा मिलेगी। आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। यूनुस को इसके लिए कदम उठाने चाहिए।