नई दिल्ली। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी देश का सबसे बड़ा Initial public offering (IPO) लाने की तैयारी में हैं। रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने हाल में मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की है। साथ ही कंपनी अपने 5G कारोबार को भुनाने की दिशा में आगे बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि यह इस बात का संकेत हो सकती है कि रिलायंस जियो आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।
यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि कंपनी का आईपीओ अगले साल की शुरुआत में आ सकता है। विश्लेषकों और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगले महीने संभावित एजीएम में जियो की आईपीओ के बारे में तस्वीर स्पष्ट हो सकती है।
अमेरिकी कंपनी विलियम ओ’ नील एंड कंपनी की भारतीय यूनिट के इक्विटी रिसर्च प्रमुख मयूरेश जोशी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी के निकट भविष्य में बहुप्रतीक्षित आईपीओ के लिए मंच तैयार हो चुका है।
जोशी और अन्य विश्लेषकों का अनुमान है कि टैरिफ में बढ़ोतरी और 5जी बिजनस से आने वाली तिमाहियों में जियो की प्रति यूजर औसत आय (ARPU) में वृद्धि होगी। इससे शेयर बिक्री से पहले यह संभावित निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो जाएगा।
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि वह आरआईएल की आगामी एजीएम में जियो की लिस्टिंग के बारे में किसी भी घटनाक्रम पर नजर रखेगी। ब्रोकरेज ने कहा कि मॉनिटाइजेशन पर फोकस बढ़ना इस बात का संकेत है कि कंपनी जल्दी ही लिस्ट हो सकती है।
कितने का हो सकता है आईपीओ
जेफरीज के मुताबिक टैरिफ में हालिया बढ़ोतरी और मॉनिटाइजेशन के बाद जियो की वैल्यूएशन करीब 133 अरब डॉलर (₹11.11 लाख करोड़) है। इस वैल्यूएशन पर जियो का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू हो सकता है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, 1 लाख करोड़ रुपये या उससे ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनियों को आईपीओ में कम से कम 5% हिस्सेदारी बेचनी होगी। मतलब मौजूदा वैल्यूएशन के आधार पर जियो की शेयर बिक्री 55,500 करोड़ रुपये की हो सकती है। भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी का रहा है।
साल 2022 में कंपनी ₹21,000 करोड़ का इश्यू लेकर आई थी। हुंडई मोटर की भारतीय इकाई ने पिछले महीने 17.5% हिस्सेदारी बेचकर ₹25,000 करोड़ जुटाने के लिए आईपीओ के लिए सेबी से मंजूरी मांगी थी।
जियो की पेरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर गुरुवार को बीएसई पर लगभग स्थिर 3,107.90 रुपए पर बंद हुआ। दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का मार्केट कैप गुरुवार को ₹1,423.35 के बंद भाव के आधार पर ₹8.1 लाख करोड़ है।
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) में रिलायंस की 67.03% हिस्सेदारी है। इसमें रिलायंस की टेलिकॉम और डिजिटल कंपनियां शामिल हैं। इसके ऑपरेशन में टेलिकॉम बिजनस की बड़ी हिस्सेदारी है। कंपनी की 17.72% हिस्सेदारी मेटा और गूगल के पास है।
विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, केकेआर, पीआईएफ, सिल्वर लेक, एल कैटरटन, जनरल अटलांटिक और टीपीजी सहित वैश्विक पीई निवेशकों के पास शेष 15.25% हिस्सेदारी है। जेपीएल ने 2020 में इन प्रमुख वैश्विक निवेशकों से 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे।
फिर बढ़ेगा टैरिफ
विश्लेषकों के अनुसार आईपीओ के जरिए पीई फर्म जियो में अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। सैनफोर्ड सी बर्नस्टीन ने एक रिपोर्ट में कहा कि पीई निवेशकों की सामान्य होल्डिंग अवधि लगभग चार साल है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ जियो का आईपीओ आ सकता है।
हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी से उत्साहित कुछ लोगों को उम्मीद है कि अगले साल टैरिफ में बढ़ोतरी का एक और दौर आ सकता है। जेफरीज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-2027 तक जियो के रेवेन्यू और प्रॉफिट में सालाना 18-26% की बढ़ोतरी हो सकती है।