संभल के 15 साल पुराने चुनाव की रंजिश में किसान की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को एडीजे चार रेश्मा चौधरी की अदालत ने मुलजिम यादवेंद्र उर्फ यादव को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इस केस के तीन आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र के किसोली निवासी अवधेश उर्फ पप्पू ने 31 अक्तूबर 2010 को बहजोई थाने में अपने ही गांव के यादवेंद्र उर्फ यादव, मनोज, सोमपाल और यशपाल के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
जिसमें उसने बताया कि 31 अक्तूबर 2010 को पंवासा में उनके गांव के प्रधान पद के चुनाव के परिणाम घोषित हुए थे। चुनाव में हमारे परिवार ने चंद्रपाल का समर्थन किया था। इसी बात को लेकर गांव के यशपाल से मेरी कहासुनी हो गई थी। उस वक्त को मामला कुछ लोगों ने समझाकर शांत करा दिया था।
इसके बाद पप्पू के पिता रामचंद्र और उसका भाई घनश्याम घर लौट रहे थे। आरोप है कि आरोपियों उन्हें घेर लिया और रामचंद्र को गोली मार दी। जिसमें वह घायल हो गए। अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी गिरफ्तार जेल भेज दिए थे।
इसके बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। इस मामले की सुनवाई एडीजे चार रेशमा चौधरी की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान तीन आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। यादवेंद्र उर्फ यादव की फाइल पर अदालत ने सुनवाई की।
सरकार की ओर से प्रदीप कुमार सिंह ने पक्ष रखा और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की दलीलें दीं। सरकार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुलजिम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।