नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध किया है। ईडी ने केजरीवाल को जमानत मिलने से पहले अदालत में एक हलफनामा दायर किया। इसमें कहा गया है कि कानून सभी के लिए बराबर है और चुनाव प्रचार कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अपने हलफनामे में क्या कहा?
जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा कि किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई है। इस तरह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए केजरीवाल को जमानत देना एक गलत मिसाल कायम करेगा।
क्या हुआ था सुप्रीम कोर्ट में?
बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों सुनवाई हुई थी। बीती 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है ताकि वे चुनाव प्रचार में शामिल हो सकें।
हालांकि सुनवाई के बाद कोर्ट की बेंच बिना कोई आदेश दिए उठ गई थी। कहा जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट के बेंच आज गुरुवार या फिर अगले हफ्ते केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित कर सकती है।