लखनऊ। लोकसभा चुनाव में हारने वाले मंत्रियों और सांसदों के प्रदर्शन पर प्रदेश भाजपा एक रिपोर्ट तैयार कर रही है। जल्द ही संबंधित रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही मंत्रियों से फीडबैक ले चुके हैं, यह भी रिपोर्ट का हिस्सा होगा।
उप्र में भाजपा के लिए 62 से 33 सीटों पर खिसकने के साथ ही सात केंद्रीय मंत्रियों का हारना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी ने पिछले वर्ष 75 जिलों और 80 लोकसभा क्षेत्रों का प्रभार मंत्रियों को दिया था, जिन्हें विकास परियोजनाओं, कल्याणकारी योजनाओं और निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के अभियान की प्रगति की समीक्षा करनी थी। किसी भी मंत्री ने क्रियान्वयन में किसी तरह की कमी व सरकार से मतदाताओं के मोहभंग की बात नहीं कही।
भाजपा प्रत्याशियों ने हार कारण क्या बताया?
करीब दर्जन भर भाजपा प्रत्याशियों ने हार के कारणों को भीतरघात भी बताया है और इसकी सूचना आलाकमान को दे भी दी है। फतेहपुर से तीसरी बार चुनाव लड़ने वाली केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, सपा के नरेश उत्तम से हार गईं। उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाए हैं।
संजीव बालियान ने संगीत सोम को ठहराया हार का जिम्मेदार
मुजफ्फरनगर से चुनाव हारने वाले संजीव बालियान ने हार का जिम्मेदार संगीत सोम को ठहराया है और उनकी तुलना जयचंद से की है। एटा लोकसभा सीट से चुनाव हारने वाले राजवीर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग के भितरघात के कारण उनकी हार हुई।
भाजपा के सहारनपुर उम्मीदवार राघव लखनपाल ने भी पार्टी की प्रचार रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि भाजपा के पारंपरिक मतदाताओं ने भी कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन किया।
भाजपा नेता सुभासपा और निषाद पार्टी जैसे सहयोगियों की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठा रहे हैं, जो भाजपा को अपने-अपने समुदायों के वोट दिलाने में मदद नहीं कर सके।
सुभासपा प्रमुख और प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर तक को नहीं जिता पाए। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद भी संत कबीर नगर से चुनाव हार गए।
साक्षी महाराज ने कहा- पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने लगातार तीसरी बार जीत तो हासिल की, लेकिन यह भी कहा कि पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी बूथों का प्रबंधन उतना प्रभावी ढंग से करने में विफल रही, जितना पहले के चुनावों में करती थी।