नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 01 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें फिर 2 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नौ समन के बाद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई थी। करीब 50 दिन बाद उन्हें राहत मिली है। उन्हें यह राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं हैं, जिनका उन्हें पालन करना होगा।
ये हैं शर्तें
- अरविंद केजरीवाल को समर्पण कर दो जून को जेल में लौटना होगा।
- उन्हें 50 हजार रुपये का मुचलका भरना होगा।
- केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।
- उन्हें अपने इस बयान का पालन करना होगा कि वे किसी भी आधिकारिक फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक कि मामला उपराज्यपाल से मंजूरी हासिल करने जितना जरूरी न हो।
- केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में नहीं जाएंगे।
- वे किसी भी गवाह से बात नहीं कर सकेंगे और मामले से जुड़े आधिकारिक दस्तावेजों को नहीं देख सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कीं ये टिप्पणियां
- अरविंद केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को उनके खिलाफ मामले से जुड़े गुण-दोष पर दी गई राय न माना जाए।
- केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, लेकिन वे अब तक दोषी करार नहीं दिए गए हैं।
- उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, न ही वे समाज के लिए खतरा हैं।
- लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समग्र और उदार दृष्टिकोण उचित है।
- केजरीवाल डेढ़ साल तक बाहर थे। उन्हें (ईडी द्वारा) पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।