नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बेहद अहम फैसले में SC/ST आरक्षण में जाति आधारित आरक्षण को संभव बताया है। शीर्ष अदालत ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश के फैसले को बदलते हुए ये आदेश दिया।
जस्टिस बीआर गवई ने फैसला लिखते हुए कहा कि ईवी चिन्नैया फैसले मामले में कुछ खामियां थीं। यहां आर्टिकल 341 को समझने की जरूरत है जो सीटों पर आरक्षण की बात करता है। उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि आर्टिकल 341 और 342 आरक्षण के मामले को डील नहीं करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोटे में कोटा समानता के खिलाफ नहीं है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया है।
सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 8 फरवरी को अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए राज्यों ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले की समीक्षा की मांग की थी, जिसने 2004 में फैसला सुनाया था कि सदियों से बहिष्कार, भेदभाव और अपमान झेलने वाले सभी अनुसूचित जाति समुदाय एक सजातीय वर्ग में है।