हाथरस के कुख्यात अपराधी एक लाख रुपये के इनामी जीतू उर्फ जीतेंद्र के 29 अप्रैल को हुए एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच एसडीएम भोगांव संध्या शर्मा ने पूरी कर ली है। उन्होंने बयानों व साक्ष्यों के अभाव व मौके की परिस्थिति को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई को सही पाया है। मजिस्ट्रेट रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। अब पुलिस एनकाउंटर स्थल से लिए गए मिट्टी व अन्य साक्ष्यों के सैंपल की आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रही है। वहां से रिपोर्ट आते ही जीतू के खिलाफ हाथरस, मैनपुरी व अन्य जिलों में दर्ज मुकदमों में फौती (मृत्यु संबंधी) रिपोर्ट दाखिल करेगी, जिससे की उसके खिलाफ प्रचलित सभी मुकदमे हमेशा के लिए बंद हो सकें।
एसडीएम भोगांव संध्या शर्मा ने बताया कि उन्होंने एनकाउंटर के संबंध में पुलिस, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर आदि के बयान लिए। वहीं, मृत जीतू के सगे संबंधियों को भी बयान देने के लिए कहा था। मगर, उसके परिजन व सगे संबंधियों ने एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए कोई बयान नहीं दिया है। सभी साक्ष्यों और बयानों का आंकलन करने के बाद पुलिस कार्रवाई को सही पाते हुए मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई है।
29 अप्रैल को एलाऊ थाना क्षेत्र की तारापुर कट पुलिया पर थाना पुलिस व एसटीएफ आगरा यूनिट की टीम से बदमाश जीतू की मुठभेड़ हुई थी। इसमें वह मारा गया था। बता दें कि जीतू ने जून 2024 में हाथरस के राशन डीलर योगेश उपाध्याय की हत्या को अंजाम दिया था। इसी हत्या में वह फरार चल रहा था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। 29 अप्रैल की सुबह वह मैनपुरी के रास्ते कन्नौज में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा था। तभी एसटीएफ आगरा और एलाऊ थाना पुलिस को उसके संबंध में सूचना मिल गई थी और घेराबंदी पर हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था।