मुंबई। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीति चरम पर है। एक ओर जहां विपक्षी गठबंधन एमवीए चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है। वहीं, दूसरी ओर सरकार चला रही महायुति में दरार पड़ती दिख रही है।
योजना के विज्ञापन पर छिड़ी जंग
दरअसल, राज्य में ‘लड़की बहन योजना’ को लेकर CM एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टी आमने-सामने है। शिवसेना के एक मंत्री ने इस योजना के विज्ञापन से सीएम एकनाथ शिंदे का चेहरा हटाने को लेकर अजित पवार गुट पर नाराजगी जताई है। अब योजना का क्रेडिट लेने की होड़ मचने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रचार के लिए SOP तक लाना पड़ा।
नाम को लेकर शिंदे-अजित गुट आमने-सामने
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ‘लड़की बहन योजना’ के शुरू होने के बाद ही एनसीपी ने कई शहरों में अजित दादा लड़की बहन योजना के नाम से पोस्टर लगा दिए थे। इसके बाद बारामती में ऐसे पोस्टर लगे जिसमें अजित पवार का नाम ही नहीं था, जिसपर सियासत गर्म हो गई।
कैबिनेट में दोनों दलों में बहस
जब कैबिनेट की मीटिंग हुई तो शिवसेना मंत्री शंभुराज देसाई ने NCP को घेरते हुए पूछा कि आखिर पोस्टर से CM का नाम क्यों गायब हुआ। देसाई ने कहा कि जब उनकी पार्टी प्रचार करती है तो उसमें दोनों उपमुख्यमंत्रियों के नाम होते हैं, लेकिन जब एनसीपी की बारी आई तो उन्होंने सीएम शब्द ही हटा दिया।
इसपर NCP ने जवाब दिया कि बजट पेश होने के बाद शिंदे के प्रचार में हर जगह पोस्टर लगे थे, जिसपर किसी ने कुछ नहीं कहा। लेकिन अगर अब केवल नाम छोटा करने के लिए सीएम नहीं लिखा गया, तो इसपर आपत्ति क्यों हो रही है।
फडणवीस ने किया बचाव
दोनों पार्टियों के नेताओं में बहस होने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बीच बचाव किया। फडणवीस ने इस योजना के प्रचार के लिए SOP जारी करने का प्रस्ताव लाया। अब पूरे राज्य में एक तरह के विज्ञापन चलेंगे। बता दें कि ‘लड़की बहन योजना’ के तहत राज्य की योग्य महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं।