मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए भारत, चीन और ब्राजील मध्यस्थता कर सकते हैं।
गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने कहा रूस और यूक्रेन की जंग शुरू होने के एक हफ्ते बाद ही इस्तांबुल में हुई बातचीत में शांतिवार्ता को लेकर एक प्राथमिक समझौते पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते को कभी लागू नहीं किया गया। अब अगर फिर से मध्यस्थता की बातचीत शुरू होती है तो इस्तांबुल में हुआ प्राथमिक समझौता इस बातचीत का आधार बन सकता है।
ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम में दिया बयान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम के कार्यक्रम में पुतिन ने कहा कि हमारा प्रमुख उद्देश्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को कब्जे में लेना है। फिलहाल रूसी सेना कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को पीछे खदेड़ रही है। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।
कई बार रूस यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की कोशिश की गई है, लेकिन रूस के इन शांति वार्ताओं में शामिल न होने के चलते इन बैठकों का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल पाया। अब खुद पुतिन ने संकेत दिए हैं कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं।
पुतिन का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के दौरे पर शांति की अपील की थी। बीते महीने ही यूक्रेन दौरे पर भी पीएम मोदी ने शांति की अपील की थी और कहा था कि भारत इसके लिए मदद करने के लिए तैयार है। यूक्रेन ने भी रूस के साथ शांतिवार्ता के लिए भारत की भूमिका को अहम बताया था।
जंग रोकने के लिए पुतिन की हैं ये शर्तें
गौरतलब है कि रूस ने जंग रोकने के लिए जो शर्तें रखी हैं, उसके मुताबिक यूक्रेन को दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसान और जपोरजिया इलाकों से अपने सैनिक हटाने होंगे। साथ ही यूक्रेन कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा। हालांकि यूक्रेन ने शर्तों को मानने से इनकार कर दिया। यूक्रेन की मांग है कि रूस अपने सभी सैनिकों को यूक्रेन से वापस बुलाए।