ग्रेटर नोएडा। इंडिया एक्सपो सेंटर एवं मार्ट में तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया-2024 का शुभारंभ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इसमें 26 देशों के 836 प्रदर्शक और 50 हजार से अधिक विजिटर भाग ले रहे हैं। आयोजन का मकसद यूपी को सेमी कंडक्टर के निर्माण का हब बनाना है।
पीएम ने कहा कि आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग है। इसी वर्ष इंटो पैसिफिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउसिंल का वाइस प्रेसिडेंट चुना गया है। हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर सहित कई देशों के साथ समझौते हस्ताक्षर किए। अमेरिका के साथ ही सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
कुछ लोग सवाल उठाते हैं, भारत इस पर फोकस क्यों कर रहा है। ऐसे लोग डिजिटल इंडिया मिशन का अध्यन करें। इसका मकसद पारदर्शी, प्रभावशाली और लीकप्रूफ ढांचा देना था। अभी एक ताजा रिपोर्ट आई है भारत 5जी हैंडसेट का सबसे बड़ा बाजार बन चुका है। दो साल पहले ही रोल आउट शुरू किया था।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सेमीकंडक्टर से जुड़े ढांचे पर भी फोकस कर रहे हैं। यह त्रिआयामी है। इसमें सुधारवादी सरकार, बढ़ता मैन्यूफैक्चिंग बेस, तीसरा उभरता बाजार, एक ऐसा बाजार जो तकनीक का स्वाद जानता है। थ्रीडी पावर ऐसा बेस जो कहीं भी मिलना मुश्किल है।
भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नॉलोजी भर नहीं है। यह करोडों उम्मीदों को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का एक बड़ा उपभोक्ता है। इसी चिप पर हमें दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पबिल्क इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है। करोना महामारी में जब दुनिया के मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए तो भारत की बैंकिंग व्यवस्था ने शानदार काम किया।
उन्होंने आगे कहा कि जो चल रहा है उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का युवा भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज भारत का मंत्र है चिप की संख्या बढ़ाना, भारत में उत्पादन बढ़ाना। हमने सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ाने में कदम उठाए। 50 फीसदी सहायता भारत सरकार दे रही है।
राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर मदद कर रही हैं। नीतियों के कारण ही कम समय में 1.5 ट्रिलियन से ज्यादा के निवेश हो चुके हैं। आज कई प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं। सेमीकॉन आयोजन भी अद्भुत योजना है। उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता दिया जा रहा है।
यह सही समय है भारत में आने के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का आठवां देश, जहां ग्लोबस सेमीकंडक्टर से जुड़ा यह आयोजन हो रहा है। यह सही समय है भारत में आने के लिए। आप सही समय पर सही जगह पर हैं।
प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कदम उठाए हैं। सेमीकंडक्टर, आईटीसी, डाटा सेंटर, डिफेंस एंड एयरोस्पेश, ईवी, वेयर हाउसिंग, एमएसएमई, टेक्सटाइल एंड टूरिज्म से संबंधित 27 नीतियां पहले से लागू हैं। सिंगल विंडो निवेश के माध्यम से 450 से अधिक ऑन लाइन सेवाएं संचालित की जा रही हैं।
पीएम मोदी के मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने IT सेक्टर, सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर विशेष ध्यान देने और इस दिशा में कुछ नए प्रयास हो सके ये कार्य प्रारंभ किया। पिछले कुछ वर्षों के दौरान जो प्रयास यूपी में प्रारंभ हुए आज उसका परिणाम है कि देश की मोबाइल विनिर्माण के 55% का मोबाइल कंपोनेंट के 50% उत्पादन प्रदेश में हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया-2024 आयोजन भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सैंमसंग ने अपनी यूनिट की स्थापना के लिए निवेश नोएडा में ही किया है। यूपी पहले से ही वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन के रूप में स्थापित हो रहा है। छह प्रमुख कंपनियां प्रदेश में स्थापित हैं। स्थानीय प्रतिभा को लाभ उठाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं।
‘प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना’
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों की उत्साही भागीदारी हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की सफलता और जिस व्यवस्थित तरीके से उन्होंने इस नीति को संचालित किया है, उसका एक मजबूत संकेतक है।
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना है। अब तक की गई सभी पहल, चाहे वह डिजिटल इंडिया मिशन हो, टेलीकॉम मिशन हो, हर चीज ने तकनीक को आम नागरिकों के हाथों में पहुंचा दिया है। हमारे देश में सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि इस दृष्टिकोण को और गहरा करेगी’
‘अगले 10 साल में 85 हजार इंजीनियर और तकनीशियनों को तैयार करने का लक्ष्य’
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सेमीकॉन इंडिया-2024 के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए अगले 10 साल में 85 हजार इंजीनियर और तकनीशियनों को तैयार करने का लक्ष्य है। इसके लिए 130 विश्वविद्यालयों को जोड़ा गया है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रमों को डिजाइन किया गया है।