नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों पर हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के अभी 20 साल बाकी हैं। इस दौरान उन्होंने ‘एक तिहाई सरकार’ कहने वाले कांग्रेस नेताओं पर तंज कसा है। साथ ही उन्होंने लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार की वापसी को भी असामान्य बात करार दिया है। एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने लोकसभा में भाषण दिया था।
पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि पराजय भी स्वीकार हो रहा है। दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रहा है…। कांग्रेस के हमारे कुछ साथियों को मैं दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि नतीजे आए तब से ही हमारे एक साथी की तरफ से मैं देख रहा था कि उनकी पार्टी उनको समर्थन तो नहीं करती थी, लेकिन अकेले झंडा लेकर दौड़ रहे थे।’
उन्होंने कहा, ‘वो जो कहते थे, उनके मुंह में घी-शक्कर। और यह मैं क्यों कह रहा हूं? क्योंकि उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक-तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है और दो तिहाई बाकी हैं। इसलिए मैं उनकी भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी-शक्कर।’
बता दें कि कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने 6 जून को किए एक पोस्ट में उन्होंने ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री’ की बात कही थी। साथ ही जातिगत जनगणना, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा जैसे चार सवाल पूछे थे।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा 10 सालों के सेवाभाव से किए कार्य को देश की जनता ने जी भरकर समर्थन दिया है। देश की जनता ने आशीर्वाद दिया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास और संसदीय यात्रा में कई दशकों के बाद ऐसा हुआ है कि जनता ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को जनादेश दिया है। 60 साल के बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है।
मैं समझता हूं कि यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश की। कुछ लोगों को जनादेश समझ नहीं आया, वह जनादेश से मुंह फेर रहे हैं। हमें तीसरी बार देश की सेवा करने के लिए जनादेश मिला राष्ट्रपति ने अहम विषय उठाए, देश का मार्गदशर्न किया।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में क्या कहा?
पीएम ने कांग्रेस की हार को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को फर्जी जीत का जश्न मनाने की बजाय आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने राहुल के व्यवहार को संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा भी बताया। मोदी ने कहा कि इसे बालक बुद्धि मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।