पटना। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के तौर तरीके पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिख कर कहा है- लग रहा है कि राजद चुनाव नहीं लड़ रहा है। चुनाव लड़ने की औपचारिकता निभा रहा है। पार्टी के रवैये से आम लोगों के बीच कई तरह की नकारात्मक चर्चा होने लगी है। उन्होंने लालू को सलाह दी कि बची हुई सीटों पर सक्षम और चुनाव जीतने लायक उम्मीदवार दें।
देवेंद्र प्रसाद यादव पुराने समाजवादी नेता
देवेंद्र प्रसाद यादव पुराने समाजवादी नेता हैं। वह पांच बार झंझारपुर से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 1977 में पहली बार विधायक बने देवेंद्र प्रसाद यादव ने 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया था। कर्पूरी ठाकुर वहां से विधायक बने थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र में आरोप लगाया कि राजद का व्यवसायीकरण हो गया है। समर्पित कार्यकर्ताओं के बदले ऐसे जनाधारहीन लोगों को टिकट दिया जा रहा है, जिनका पार्टी के निर्माण और संघर्ष में कोई योगदान नहीं रहा है। लग रहा है कि पार्टी सांप्रदायिकता के बदले अपने समर्पित नेताओं-कार्यकर्ताओं के विरूद्ध संघर्ष कर रही है। दोहरे चरित्र के लोग उम्मीदवार बनाए जा रहे हैं। आज पार्टी में शामिल होने वाले लोग तुरंत टिकट पा रहे हैं।
आंतरिक सर्वे की अनदेखी का आरोप लगाया
यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पार्टी के आंतरिक सर्वे की अनदेखी का भी आरोप लगाया है। आंतरिक सर्वे में जिन सीटों पर पार्टी की मजबूत स्थिति दिखाई गई थी, ऐसी सीटें बाहरी उम्मीदवारों को दे दी गई हैं। हर स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है।
उन्होंने कहा कि इन सबसे पार्टी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी भविष्य प्रभावित हो रहा है। हमारे लिए एक नौजवान के भविष्य को सुरक्षित बनाने का भी प्रश्न है। उनके अनुसार पार्टी का जनाधार यह देखकर सन्न है कि आखिर समर्पित कार्यकत्राओं के रहे बाहरी लोगों पर क्यों इतना विश्वास किया जा रहा है।